शब्द-यज्ञ में दीजिये आहुति तज अभिमान ।
आओ मिलकर गायें जन-गण-मन का गान।।
शब्दगंगा शुद्धि अभियान संस्थान राष्ट्रीय कार्यक्षेत्र की एक पंजीकृत संस्था है, जो शब्दों की शुचिता (शब्दगंगा शुद्धि अभियान) के महनीय ध्येय के साथ-साथ अन्य अनेक महत्वपूर्ण साहित्यिक-सामाजिक-सांस्कृतिक क्रियाकलापों में पूरी ऊर्जा के साथ संलग्न है।
शब्द-गंगा शुद्धि अभियान का अभिप्राय एवं इसका प्रयोजन उस शाश्वत अवधारणा से है, जो सर्वविदित है कि शब्दों का निर्माण कभी न क्षरित होने वाले यथा नाम अक्षरों से होता है। अर्थात, अखिल ब्रह्माण्ड में व्याप्त ईथर नामक महातत्व में हमारे द्वारा उच्चारित शब्द हजारों मील प्रति सेकेण्ड की दर से तैरते रहते हैं और ये शब्द कभी नष्ट नहीं होते हैं। यही कारण है कि दूरभाष एवं चलभाष यन्त्रों द्वारा हमारे उच्चारित शब्दों को ईथर महातत्व (शब्दगंगा) से चुम्बकीय प्रभाव द्वारा आकृष्ट कर लिया जाता है। हमारा मस्तिष्क विचारों का यन्त्र है। विचारों का मूर्तरूप, हमारे द्वारा उच्चारित शब्द हैं, जो अखिल ब्रह्माण्ड में व्याप्त हो जाते हैं और जिन्हें उच्चारित करने के पश्चात हम वापस नहीं ले सकते हैं, अर्थात हम उनके अस्तित्व को समाप्त नहीं कर सकते हैं। वैज्ञानिक अनुसंधान एवं सिद्धान्तों का प्रतिपादन एक सतत प्रक्रिया है। गूढ़ तत्वों और रहस्यों की विद्यमानता का उद्घाटन समय-समय पर पृथक-पृथक तरीके से भी हो सकता है। किन्तु शब्दों की अक्षुण्णता की अनुभूति अत्यंत सहजता से मानवनिर्मित यन्त्रों द्वारा आवाज को अभिलिखित (रिकॉर्ड) करके भी की जा सकती है।
अतः हमारा दायित्व है कि ब्रह्माण्ड में शुद्ध एवं सार्थक शब्द ही प्रवाहित करें और अपशब्दों के प्रयोग से बचें। इस ध्येय से मैं सृजन साहित्यिक एवं सामाजिक सेवा संस्थान- उन्नाव की ओर से अभूतपूर्व वैचारिक महाभियान शब्द-गंगा शुद्धि अभियान (शब्द-प्रदूषण मुक्ति अभियान), जो अब शब्दगंगा शुद्धि अभियान संस्थान का भी महनीय ध्येय है, का विश्वव्यापी जन-जागरूकता के उद्देश्य से गणतंत्र-दिवस की पूर्व संध्या 25 जनवरी, 2015 को शुभारम्भ कर इसकी सफलता हेतु निम्नांकित बिन्दुओं पर आप सभी का ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ:
1- शब्द-गंगा में अमर्यादित एवं अवांछनीय शब्द विसर्जित न किए जाएं।
2- अपने विचार पवित्र रखे जाएं।
3- विचारों को पवित्र रखने के लिए संस्कारों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
4- शब्द-गंगा में पवित्र शब्द ही प्रवाहित किए जाएं, क्योंकि यह शब्द-गंगा हम सभी की है और हम सभी इससे प्रभावित होंगे।
5- अमर्यादित शब्दों का शमन पवित्र शब्दों से किया जाए।
 
आप सभी से विनयपूर्वक निवेदन है कि इस अभियान से मनसा-वाचा-कर्मणा जुड़कर अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। और, अपने बहुमूल्य सुझावों से हमें अवगत कराने की कृपा करें।
धन्यवाद!
जय भारत! जय भारती!! जय शब्द-गंगा!!!
साभार,
विनय शंकर दीक्षित ‘आशु’
राष्ट्रीय अध्यक्ष- शब्दगंगा शुद्धि अभियान संस्थान,
संस्थापक, महामंत्री- सृजन साहित्यिक एवं सामाजिक सेवा संस्थान
निवेदक:- शब्दगंगा शुद्धि अभियान संस्थान
सृजन साहित्यिक एवं सामाजिक सेवा संस्थान,
बी-525, उदयन भवन, आवास विकास कॉलोनी,
निकट बाईपास, उन्नाव-209801, उ0प्र0, भारत।
अणुप्रेष: shabdganga.shudhhiabhiyan@gmail.com
चलभास : 9450056934

हमारे द्वारा किये जाने वाले कार्य

सृजन साहित्यिक एवं सामाजिक सेवा संस्थान के पावन अभियान को आत्मसात कर इसको व्यापकता प्रदान करने हेतु शब्दगंगा शुद्धि अभियान संस्थान ने प्रभावी दस्तक दी है।
शब्दों व भावों की पवित्रता के साथ-साथ अन्य विविध साहित्यिक-सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में सृजन व शब्दगंगा ने उल्लेखनीय कार्य किया है। समय की गति के साथ ताल मिलाते हुए सृजन व शब्दगंगा ने  ई-स्मारिका प्रसारण व वेबसाइट के निर्माण का प्रशंसनीय कार्य किया है। यह  जन-जन तक जुड़ने की दिशा में एक प्रभावी कदम है।
 
डॉ0 उदय शंकर दीक्षित,
प्रोफेसर- आई0आई0टी0, गुवाहाटी

राष्ट्रीय पदाधिकारी

डॉ. विनय शंकर दीक्षित 'आशु'

राष्ट्रीय अध्यक्ष-शब्दगंगा/अधिवक्ता

भगवान वत्स सिंह चन्देल

अध्य्क्ष-सृजन

प्रेम कुमार सिंह सेंगर

राष्ट्रीय महासचिव

ओ.पी.तिवारी

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष/अधिवक्ता

अशोक कुमार 'मुन्ना सिंह'

राष्ट्रीय संग़ठन प्रभारी

प्रशंसापत्र

"शब्दगंगा शुद्धि अभियान ने मुझे अपनी भाषा और विचारों को सकारात्मक रखने की प्रेरणा दी है। इस अभियान से जुड़ने के बाद मैंने महसूस किया कि शब्दों का समाज पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है। मैं इस महान पहल का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करता हूँ और इसके उद्देश्य का पूर्ण समर्थन करता हूँ।"
मोहन मुरारी शर्मा
विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट
"शब्दगंगा शुद्धि अभियान ने शब्दों की शक्ति और उनकी शुचिता के प्रति मेरी सोच को पूरी तरह बदल दिया है। इस अभियान के माध्यम से समाज में सकारात्मकता और पवित्रता लाने का प्रयास बेहद सराहनीय है। मैं सभी से आग्रह करती हूँ कि वे इस आंदोलन का हिस्सा बनें और इसे सफल बनाने में अपना योगदान दें।"
प्रो. बिंदेश्वरी अग्रवाल
न्यूयार्क
"शब्दगंगा शुद्धि अभियान ने समाज में जागरूकता फैलाने का जो कार्य शुरू किया है, वह वास्तव में प्रशंसनीय है। शब्दों की शुद्धता और सार्थकता को प्रोत्साहित करने के इस प्रयास से मैं बहुत प्रभावित हूँ। मुझे गर्व है कि मैं इस अभियान के साथ जुड़ा हूँ और मैं इसके उद्देश्यों का पूरा समर्थन करता हूँ।"
डॉ. विष्णु भण्डारी

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